Youngest IAS officer in India: Success story of Ansar Shaikh:
अंसार शेख: भारत के सबसे युवा IAS अधिकारी की प्रेरणादायक सफलता की कहानी
भारत में सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन कुछ ही इसे पहले प्रयास में पास कर पाते हैं। ऐसे ही एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं अंसार शेख, जिन्होंने मात्र 21 वर्ष की उम्र में UPSC परीक्षा पास कर भारत के सबसे युवा IAS अधिकारी बनने का गौरव प्राप्त किया।
प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि
अंसार शेख का जन्म 1 जून 1994 को महाराष्ट्र के जालना जिले के शेलगांव गांव में हुआ था। उनके पिता, युनुस शेख अहमद, एक ऑटो-रिक्शा चालक थे, और माता, अदीला शेख, खेतों में मजदूरी करती थीं। अंसार का बचपन अत्यंत गरीबी, घरेलू हिंसा और सामाजिक चुनौतियों से भरा था। उनके परिवार में शिक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जाती थी, लेकिन अंसार ने इन सभी बाधाओं को पार करते हुए शिक्षा के महत्व को समझा और उसे अपनाया।
शिक्षा और UPSC की तैयारी
अंसार ने 12वीं कक्षा में 91% अंक प्राप्त किए, जो उनके कठिन परिश्रम का परिणाम था। इसके बाद उन्होंने पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री 73% अंकों के साथ पूरी की। UPSC की तैयारी के लिए उन्होंने पुणे में एक निजी कोचिंग संस्थान में दाखिला लिया और प्रतिदिन 12-13 घंटे अध्ययन किया। उनका वैकल्पिक विषय राजनीति विज्ञान था, और उन्होंने मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के लिए मराठी माध्यम का चयन किया।
UPSC में सफलता
2016 में, अंसार ने अपने पहले प्रयास में ही UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास की और ऑल इंडिया रैंक 361 प्राप्त की। इस उपलब्धि के साथ ही वे 21 वर्ष की उम्र में भारत के सबसे युवा IAS अधिकारी बन गए। उनकी सफलता इस बात का प्रमाण है कि कठिन परिश्रम, समर्पण और आत्मविश्वास से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
वर्तमान भूमिका
वर्तमान में, अंसार शेख पश्चिम बंगाल कैडर के 2016 बैच के IAS अधिकारी हैं और मालदा जिले में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (ADM) के पद पर कार्यरत हैं। उनकी यह भूमिका समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने और प्रशासनिक सुधारों को लागू करने में महत्वपूर्ण है।
प्रेरणा का स्रोत
अंसार शेख की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों को साकार करने का संकल्प लेते हैं। उनकी यात्रा यह दर्शाती है कि अगर इरादे मजबूत हों और लक्ष्य स्पष्ट हो, तो कोई भी बाधा सफलता की राह में रोड़ा नहीं बन सकती।
निष्कर्ष
अंसार शेख की सफलता की कहानी हमें यह सिखाती है कि सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों के बावजूद, दृढ़ संकल्प और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनकी यात्रा न केवल UPSC aspirants के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक है जो अपने जीवन में कुछ बड़ा हासिल करना चाहता है।
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