सरकार की नई पहल SOAR: स्कूल बच्चों के लिए AI स्किलिंग
सरकार की नई पहल SOAR (Skilling for AI Readiness) की शुरुआत 2025 में की गई है, जिसका उद्देश्य कक्षा 6 से 12 के छात्रों को AI की समझ और व्यावहारिक कौशल से तकनीकी रूप से सशक्त बनाना है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कौशल आधारित शिक्षा लक्ष्य के अनुरूप संचालित है और इसे भारत को वैश्विक AI दक्षता के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।
तीन चरणों में छात्रों की AI यात्रा
SOAR कार्यक्रम छात्रों को तीन 15‑घंटे के मॉड्यूल के माध्यम से AI की ज्ञान यात्रा में प्रशिक्षित करता है। पहला मॉड्यूल AI to be Aware में छात्र AI की अवधारणाएँ, मशीन लर्निंग, जनरेटिव AI जैसी तकनीकों से परिचित होते हैं। दूसरा मॉड्यूल AI to Acquire व्यावहारिक शिक्षा पर केंद्रित है, जहां छात्र Python और अन्य टूल्स के माध्यम से खुद प्रयोग करके सीखते हैं। तीसरा मॉड्यूल AI to Aspire छात्रों को नैतिकता, साइबर सुरक्षा, और करियर अवसरों की जानकारी देता है ताकि वे जिम्मेदारी से AI का उपयोग कर सकें।
शिक्षकों और प्रशिक्षण मॉड्यूल की भूमिका
इस पहल में शिक्षकों के लिए भी एक समर्पित 45‑घंटे का प्रशिक्षण मॉड्यूल AI for Educators शामिल किया गया है। यह मॉड्यूल शिक्षकों को AI विषय को कक्षा में प्रभावी ढंग से पढ़ाने के लिए तैयार करता है और शिक्षण सामग्री से लेकर प्रयोगशाला गतिविधियों तक का प्रशिक्षण प्रदान करता है।
आयोजन और दृष्टिकोण
SOAR पहल का औपचारिक आरंभ "Skilling for AI Readiness" कार्यक्रम के अंतर्गत किया गया, जिसमें बताया गया कि यह पहल NEP 2020 के दृष्टिकोण से मेल खाती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में computational thinking और समस्या‑समाधान क्षमता को बढ़ावा देना है, जिससे उन्हें AI‑चालित उद्योगों के लिए तैयार किया जा सके।
डिजिटल समावेशन और ब्लेंडेड लर्निंग
SOAR कार्यक्रम डिजिटल विभाजन को दूर करने पर ध्यान केंद्रित करता है ताकि शहरी और ग्रामीण दोनों छात्रों को समान अवसर मिलें। इसके तहत स्कूलों में AI क्लब, प्रयोगशाला (AI labs), और blended‑learning मॉडल लागू किए जाने की योजना है, जिससे छात्र ऑनलाइन पाठ्यक्रम और ऑफलाइन व्यावहारिक कार्यशालाओं दोनों से सीख सके।
भारत की AI रणनीति: IndiaAI मिशन और FutureSkills
SOAR पहल भारत की व्यापक AI रणनीति का हिस्सा है, जो IndiaAI Mission की योजनाओं से जुड़ी हुई है। यह मिशन सात स्तंभों—जैसे IndiaAI Compute Capacity, Data Labs, Safe & Trusted AI, और FutureSkills—पर आधारित है। भारत ने इस मिशन के तहत AI‑केंद्रित प्रशिक्षण, छात्रवृत्तियाँ, और Data‑AI लैब्स की स्थापना पर काम चालू रखा है।
वैश्विक सहयोग और Centres of Excellence
सरकार ने IIT और अन्य संस्थानों के साथ मिलकर AI Centres of Excellence स्थापित करने के लिए बजट कोष (₹500 करोड़) की व्यवस्था की है। इन केंद्रों का उद्देश्य स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा जैसे क्षेत्रों में AI आधारित नवाचार को बढ़ावा देना है। साथ ही, Microsoft और IndiaAI जैसी संस्थाओं ने साझेदारी कर AI‑सक्षम शिक्षण और स्टार्टअप समर्थन की प्रतिबद्धता जताई है।
AI‑Ready पीढ़ी: भविष्य की तैयारियाँ
कुछ अन्य सरकारी प्रयास जैसे YUVAI और AI‑For‑All (ITI पाठ्यक्रम) भी SOAR के साथ मिलकर छात्रों को भविष्य‑तैयार बनाते हैं। ये कार्यक्रम डिजिटल साक्षरता, AI नैतिकता, और समस्या‑समाधान कौशल को प्राथमिक स्तर से बढ़ावा देते हैं।
निष्कर्ष: भविष्य के लिए एक ठोस कदम
SOAR पहल सरकार की AI शिक्षा नीति में एक निर्णायक कदम है जो न केवल छात्रों को तकनीकी दक्षता प्रदान करता है, बल्कि उन्हें नैतिकता और जिम्मेदारी के साथ AI प्रयोग हेतु तैयार भी करता है। यह पहल ग्रामीण‑शहरी दोनों क्षेत्रों में समावेशी शिक्षा को सशक्त बनाते हुए भारत को ‘Viksit Bharat 2047’ के लक्ष्य की ओर अग्रसर कर रही है।
यदि आपने अपने आसपास किसी स्कूल में इस पहल के क्रियान्वयन की जानकारी प्राप्त की है, तो कृपया अपने अनुभव साझा करें—क्या विद्यार्थियों और शिक्षकों को इस पहल के प्रति उत्साह दिखा है?